जन्माष्टमी - Krishna Janmashtami Essay In Hindi

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को प्रत्येक वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी का महोत्सव मनाया जाता है। यह उत्सव न केवल भारत, वरन् विश्व के कई देशों में आयोजित होता है। इस दिन अर्धरात्रिकाल में भगवान् श्रीकृष्ण अपने पूर्ण अवतार में प्रकट हुए थे, जिसका प्रमुख उद्देश्य जगत् में अधर्म का नाश करना और धर्म की रक्षा करना था।

भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मुख्य रूप से मथुरा, वृन्दावन एवं द्वारका में मनाई जाती है, क्योंकि मथुरा भगवान् श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है। वृन्दावन में उन्होंने कई लीलाएँ की थीं और द्वारका उनकी नगरी है। इसके अतिरिक्त भी यह उत्सव भारत के लगभग सभी राज्यों में आयोजित होता है। महाराष्ट्र में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को दही हाँडी को ऊँचाई पर लगाकर मानव पिरामिड बनाकर उसे तोड़ने का रिवाज है। इसके लिए कई व्यक्ति अलग-अलग समूह में दही हाँडी तोड़ने का प्रयास करते हैं। इस दौरान भगवान् श्रीकृष्ण के गोविन्द रूप की जय-जयकार होती है। यह उत्सव भगवान् श्रीकृष्ण की बाललीलाओं से सम्बन्धित है।

मणिपुर राज्य में जन्माष्टमी का उत्सव बहुत प्रसिद्ध है। इम्फाल में भगवान् श्रीकृष्ण के दो मन्दिर हैं। जन्माष्टमी के दिन धूमधाम से वहाँ कृष्ण उत्सव मनाया जाता है। दक्षिण भारत में भी जन्माष्टमी के दिन कृष्ण उत्सव मनाने की परम्परा है। कर्नाटक में मध्वाचार्य के अनुयायियों द्वारा विशेष उत्सव मनाया जाता है। इस दिन घर पर ही विशेष पक्वान्न चकली, अवलक्की, बेलेडा आदि बनाए जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सुदामा ने यही पक्वान्न भगवान् श्रीकृष्ण को खिलाए थे। तमिलनाडु में वैष्णव अयंगर ब्राह्मणों द्वारा इस अहोरात्र भगवान् श्रीकृष्ण के निमित्त उपवास रखा जाता है और भगवान् श्रीकृष्ण के विग्रह को विशेष श्रृंगार करवाकर उनकी उपासना की जाती है।

जम्मू में इ​स दिन पतंग उड़ाकर उत्सव मनाने का रिवाज है। पूर्वी भारत में जगन्नाथ पुरी में इस दिन विशेष उत्सव आयोजित होता है। मध्यरात्रि में भगवान् श्रीकृष्ण की विशेष पूजा-उपासना की जाती है। उनके भजनों को भक्त लोग उत्साह से गाते हैं। इसके अगले दिन वहाँ नन्द उत्सव मनाया जाता है। श्रद्धालु अगले दिन ही अपना उपवास खोलते हैं। जगन्नाथ पुरी के समान ही पश्चिम बंगाल में भी श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाते हैं।

इस्कॉन ने देश-विदेश में श्रीकृष्ण के मन्दिर स्थापित किए हैं। इन मन्दिरों में भी जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

भगवान् विष्णु के दस अवतारों में श्रीकृष्ण ही ऐसे अवतार हैं, जिनकी जयन्ती इतनी धूमधाम से भारत सहित अनेक स्थानों पर मनाई जाती है।