Kalkaji Mandir Aarti | आरती माँ कालका जी की - Maa Kalkaji

आरती माँ कालका जी की | Aarti Shri Maa Kalkaji Ki
ॐ जय गणपति देवा।। ॐ जय गणपति देवा।।
जो नर तुमको सेवें।। मन वांछित फल पावें।।
...जय देवि महा देवी ।। 1 ।।

जय अम्बे गौरी, मां जय श्यामा गौरी, मैया हर मंगल करनी।
तुमको निशि दिन ध्यावत, देवीजी को सदा मनावत, ब्रह्मा ​हरि शिवरी।।
...जय देवि महा देवी ।। 2 ।।

मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को, मैया टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, निर्मल से दोऊ नैना, चन्द्र बदननीको।।
...जय देवि महा देवी ।। 3 ।।

कानन कुण्डल शोभित, नासा पर मोती, मैया नासा पर मोती।
कोटिक चन्द्र दिवाकर, कोटिक चन्द्र दिवाकर, राजत सम ज्योति।।
...जय देवि महा देवी ।। 4 ।।

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजे, मैया रक्ताम्बर राजे।
रक्त कुसुम बन माला, रक्त पुष्प गल माला, कंठन पर साजे।।
...जय देवि महा देवी ।। 5 ।।

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी, मैया खड्ग त्रिशूल धारी।
सुर नर मुनिजन सेवत, जो नर तुमको सेवत, तिन के दु:ख हारी।।
...जय देवि महा देवी ।। 6 ।।

जय अम्बे गौरी, मां जय श्यामा गौरी, मैया हर मंगल करनी।
तुमको ​निशि दिन ध्यावत, देवीजी को सदा मनावत, ब्रह्मा ​हरि शिवरी।।
...जय देवि महा देवी ।। 7 ।।

मधुकैटभ मद हरता महिषासुर घाती, मैया महिषासुर घाती।
धूम्रविलोचन नाशक धूम्रविलोचन नाशक, निशि दिन मद माती।।
...जय देवि महा देवी ।। 8 ।।

चण्ड और मुण्ड सहारे, शोणित बीज हरे, मैया शोणित बीज हरे।
शुम्भ निशुम्भ पछाड़े, शुम्भ निशुम्भ पछाड़े, निर्भय राज करे।।
...जय देवि महा देवी ।। 9 ।।

जय अम्बे गौरी, मां जय श्यामा गौरी, मैया हर मंगल करनी।
तुमको निश्चित ध्यावत, देवीजी को सदा मनावत, ब्रह्मा ​हरि शिवरी।।
...जय देवि महा देवी ।। 10 ।।

ब्रह्मादिक रुद्रादिक, इन्द्रादिक ध्यावें, मैया सनकादिक ध्यावें।
सुर नर मुनि जन सेवें, जो नर तुमकों सेवें, परम पद फल पावें।
...जय देवि महा देवी ।। 11 ।।

चौंसठ योगिनी गावत, नृत्य करत भैरों, मैया नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, बाजत शंख मृदंगा, और बाजत डमरु।।
...जय देवि महा देवी ।। 12 ।।

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती, मैया अगर कपूर बाती।
मालकेतु में राजत, नगर कोट के राजत, कोटि रतन ज्योति।।
...जय देवि महा देवी ।। 13 ।।

जय अम्बे गौरी, मां जय श्यामा गौरी, मैया हर मंगल करनी।
तुमको निशि दिन ध्यावत, देवीजी को सदा मनावत, ब्रह्मा ​हरि शिवरी।।
...जय देवि महा देवी ।। 14 ।।

शंकर जन तेरो चेला, निशि दिन गुण गाता, मैया सब दिन गुण गाता।
सुन्दर श्यामा गौरी, अद्भुत श्यामा गौरी, त्रिलोकी माता।।
...जय देवि महा देवी ।। 15 ।।

तुम ब्रह्माणि, तुम रूद्राणि, तुम कमला रानी, मैया तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, चारों वेद बखानी, ता पर शिव पट रानी।।
...जय देवि महा देवी ।। 16 ।।

जय अम्बे गौरी, मां जय श्यामा गौरी, मैया हर मंगल करनी।
तुमको निशि दिन ध्यावत, देवीजी को सदा मनावत, ब्रह्मा ​हरि शिवरी।।
...जय देवि महा देवी ।। 17 ।।

अ​म्बे जी की आरती, जो कोई गावे, मैया जो कोई गावे।
कहत शिवानन्द स्वामी, भजत शिवानन्द स्वामी, सुख सम्पत्ति पावे।।
...जय देवि महा देवी ।। 18 ।।